April 3, 2010
बसाई सर्न के भोर?
बचनकै के त कुरा
भुले सम्झाई के भोर?
मन नपरे ति सब कुरा
होइन भन्न के भोर?
खाएका कसमका के कुरा
छिनभरमै तोडे के भोर?
उन्मादमा गरेका ति कुरा
बेसुर भने के भोर?
आंसुमा डुब्नुको के कुरा
आफू मुस्काए के भोर?
गल्ती भएको के कुरा
सज्जन देखिए के भोर?
साथ मरे त के कुरा
आफूं नमरे के भोर?
अरुको दु:खको के कुरा
सुखलाइ अंगाले के भोर?
प्याराका प्यासको के कुरा्
तिर्खा मेटिए के भोर?
सिमानाको त के कुरा
बास्तै नगरे के भोर?
पोतेमा अल्झनु के कुरा
धागोलाई दोष दिन के भोर?
संबन्ध टुट्नुको के कुरा
सबैलाइ ढांटे के भोर?
भेटेर छुट्नुको के कुरा
भुलेर गए के भोर?
भत्केको घरको के कुरा
बसाई सर्न के भोर?
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