February 17, 2008

स्वस्थानी अध्याय:२७

Swasthani 27 - Share on Ovi
अध्याय:२७
http://www6.sendthisfile.com/d.jsp?t=xnp4pHhoyePuvM5UCwe2Zwj0
सानदाई

Tea Time 3 "टिपन टापन"

सन्ता र बंता
सन्ता को बाबु कुवामा खसेछ , सन्ता ले बंता लाई भन्छ
संता : कल सुबह डैडी कुएं में गिर गए , बहुत चोट लगी , चिल्ला रहे थे
बंता : अब कैसे हैं ?
संता : ठीक ही होंगे , कल रात से कुएं से कोई आवाज नहीं आई

बस Accident
एक आदमी दर्द से चिल्ला रहा था - हे भगवान मेरा हाथ टूट गया
संता : ओय चुप कर , उस आदमी को देख , वह तो मर गया है लेकिन फिर भी कुछ नहीं बोल रहा है...

संता and पत्नी घूमने जा रहे थे तभी उन्हें एक गधा घास खाते हुए दिखा
पत्नी बोली : देखो तुम्हारा रिश्तेदार , नमस्ते करो
संता बोला : नमस्ते ससुरजी

सन्ताले श्रीमती लाई कविता सुनाउछ:
देखा तुझे तो रूह खुश हो गई
एक कमी थी वो भी पूरी हो गई
पागल हैं वो जो कहते हैं कि चिम्पैंजी की नस्ल धरती से विलुप्त हो गई

एक जना भक्त मन्दिरमा सधैं पूजा गर्छ , भगवान प्रसन्न हुन्छन अनी सोध्छन
भगवान : वत्स क्या चाहिए ?
भक्त : मेरी शादी ऐश्वर्या से करा दो भगवान
भगवान : उसकी एक साड़ी एक लाख की है , खर्चा कर पाएगा ?
भक्त : कोई उपाय प्रभु ?
भगवान : मल्लिका ले ले कम कपडे से काम चलेगा